ब्लॉग लेखन और कमेंट्स का मनोविज्ञान
अमरीका में एक कहावत काफी मशहूर हुई थी की" चाहे तो गधे पे घुमो या फिर अपने कपडे फाड़ लो पर पर लोकप्रिय हो जाना "
यह मानसिकता हर इन्सान के मन में होती है पर कुछ लोग गलियों में अपने बानर छपवाकर पूरी कर लेते है और कुछ अपनी कला बजिया दिखाकर पर कोई ऐसे अजूबे कर जाता है की लोगों का ध्यान उसकी और आसानी से जाये और उसे तस्सल्ली हो जाये की चलो अपनी और किसी का तो ध्यान है | दर असल प्यार पाने की चाहत हर दिल में होती है , हर इन्सान प्यार जिंदगी में ९० % ऐसे काम करता है जिससे उसे लगता है की अंत में उसे प्यार ही मिलेगा | मत भूलना की हर किसी के जिंदगी की शुरुआत प्यार से होती है , पर ख़त्म होते होते पता नहीं किन रास्तों से गुजरती है और अंत आने पर ज्यादा तर लोगो के साथ प्यार काम होने की या न के बराबर होने की शिकायत जिंदगी के साथ चली जाती है
"पता नहीं क्यों किसी की किस्मत को देख कर ये दील जल जाता है |
पता नहीं क्यों अपने बारे में सोच के हर अरमान पिघल जाता है |
कमी है तेरी और तेरे याद की फिर क्यों ये दिल तेरे बिन संभल जाता है |"
नहीं नहीं आज मुझ में कोई शायर अन्दर से आवाज नहीं दे रहा बस किसी बेनामी मित्र ने इतना प्यारा मेसेग दिया | आज काफी दिनों बाद बिना वजह दिल उदास है और चाह रहा है की किसी अपने से प्यार भरी असीमित बातें करें
न उसे अपने बारे में कोई राज रखे और न ही उसे अजनबी रहने दे | वैसे मै जब भी मुझ पे हलकी सी उदासी का पागल पण छठा है तो जादातर मै किसी से बात नहीं करता पर आज न जाने क्यों ख्याल आया कुछ पोस्ट कर देते है | यहाँ का मौसम बेहद प्यार भरा है और काफी प्यारे प्यारे नज़ारे भी देख रहा हु | क्या आप जानते है की ब्लॉग लिखने के पीछे एक मानसिक इच्छा काम करती है| जिसे मानस शास्स्त्री जो जी चाहे नाम दे मेरे नजर में प्यार पाने की अभिलाषा या फिर अपने आप के होने का या फिर कुछ खास होने का एहसास दिलाना यह है |
जब मैंने ब्लॉग लिखना शुरू किया था तब काफी सरे लेखल मित्रों के ब्लोग्स बहोत पसंद आये थे और हा उन सरे ब्लोग्स पर सबसे प्यारी चीज कोई लगी हो तो वो थी उनकी निःसंकोच हर बात शेयर करने की मनोदशा ....
काफी सोचने के बाद लगा की यार मुझे भी ब्लॉग लिखना चाहिए और लिखना शुरू किया | मै अपनी और से अपने मनोवेग को अपनी हर बात को लिख कर विश्राम करूँगा | कुछ दिन बीते और मैंने पता नहीं कब लगने लगा की मेरा ब्लॉग बड़ा ही साधारण सा है , न कोई खासियत और न ही कोई नयापन बस फिर शुरू हुई अपने ब्लॉग को प्रकाशन देने की कोशिश ....
चिट्ठाजगत और ब्लोगवाणी पर तो प्रकाशित कर चूका पर इन सारी हरकतों से एक अनजान मेहमान दिल में बिना बुलाये आ गया था और वो था टिप्पणिया पाने की तलाश करने वाला बचपना , पता ही नहीं चला की कब एक आस लगने लगी की यार कोई टिपण्णी हो तो मजा आ जाता | जिससे काफी असहजता आ गई और जनाब अपने ब्लॉग को यहाँ वहा प्रकाशित करने में जुट गए ....
फिर क्या था हर ब्लॉग , हर साईट और हर सोसिअल अड्डे पर मेरे जैसे महानुभाव काफी जोरो से अपनी होशियारी दिखाते नजर आये और पता नहीं क्यों ऐसा लगा की हम कर क्या रहे है ?
दर असल हर इन्सान के दिल में दो तरह के व्यक्तित्व होते है जिसे हम नन्हा दिल और होशियार दिल कह सकते है जिसे मानस शास्त्री चाइल्ड इमेज "इगो" और अदुल्ट इमेज "इगो" कहते है इसी नन्हे दिमाग की वजह से हम " जिज्ञासु होते है , किसी के प्यार में पड़ते है , मजाक करते है , और आसानी से जिंदगी के हर पहलु को अपनाने की कोशिश करते है | इसी बच्चे को इतना प्यार चाहिए होता है की वो महसूस करे की कोई अपना हमारा इतना ख्याल रखता है की हमारी हर हरकत कोई दूर से निहार रहा है और अगर जरुरत हो तो आकर बहोम में लेकर ढेर सारा प्यार देगा | यही चाह इस बात के पीछे काम करती है की हर इन्सान को ध्यान खींचना है जिस तरह कोई बच्चा रोकर अपने प्रियजन का प्यार पाना चाहता है उसी तरह अपने मन में बसा वो बचपन प्यार पाना चाहता है जिसमे न कोई बुरे है और न ही कोई हल्कापन ये बड़ी प्यारी चीज है अगर सही तरह से इस मानसिकता का उपयोग किया जाये तो अपने दिल और इस नन्हे से दिली तमन्नाओ को दुनिया के साथ बाँट सकते है और अपनी बहोत सारी दुविधाओं से और अद्चानोसे दूर हो सकते है |
तो जब भी टिपण्णी स्वरुप ध्यान पाने का मन करे तो बेवजह परेशां न हो जान लें की यह वाही ख्वाईश है जिसे भगवन ने हमें दी ताकि हम किसी का प्यार पाए और दें | याद रखिये जीवन की कोई भी बात बेवजह नहीं होती ब्लॉग लिखने योग्य हम हो चुके है और अपनी भावनाओ के साथ अपना ज्ञान भी बाँट रहे है |
बस अपना ज्ञान और वो हर बात इस दुनिया के साथ शेरा करे भूल जाये की कोई पढ़ेगा या नहीं बस ध्यान रहे जो भी पढ़ेगा उसके लिए कोई अधूरी बात मत रखना इससे कोई पढ़े या न पढ़े आप इस दुनिया के साथ अपनी बात कहने की प्यारी कोशिश कर जायेंगे और अपने दिल का बोझ भी हल्का कर जायेंगे |
आपको ढेर सारा प्यार मिलने की दुवा के साथ विदा लेता हु |
धन्यवाद |
2 टिप्पणियाँ
Write टिप्पणियाँबढियां लिखा है मगर सावधान रहिएगा जिसे अप प्यार समझ रहे हैं वह आपका इस्तेमाल किया जाना है -जब काम बन जाएगा तो दुसरे के चरित्र पर कीचड उछाल कर भी खुद लोग सेल्फ प्रमोशन करने की नीयत रखते हैं !
Replyनेक सलाह।
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