भारत बंद : एक प्रशंसक कदम
प्रथमतः मै अपना अपना पक्ष बता दू की मै किसी भी तरह के राजनैतिक पक्ष से ताल्लुक न ही रखता हु और न ही कोई खास दिलचस्पी है | और न ही मै चाहता हु की आम आदमी के निजी जिंदगी में बंद और इस तरह की कोई भी रुकावटें आये |पर जब सरकार अपने दावे और हमें दिखाए गए सरे लुभावने सपनो के वादों को भुला कर खाना पीना भी मुहाल कर रही हो तो उसे इस बात का एहसास दिलाना बेहद जरुरी हो जाता है की अब नींद से जागो और कुछ काम भी करो |
वैसे अगर देखा जाये तो महंगाई कुछ दिन भर में नहीं बढ़ी है पर शायद विपक्ष ने ऐसी बड़ी पुकार नहीं उठाई थी की आम जनता को लगे की विपक्ष को उसका ख्याल है , देर आये दुरुस्त आये एक भला काम कर रहे है और मै विपक्ष के इस कदम का तः दिल से स्वागत करता हु और मानता हु की "भारत बंद " अनुकरणीय ना नहीं पर प्रशंसनीय कदम जरुर है |
गैस , पेट्रोल , डीजल जैसी सदा बढ़ने वाली चीजो तक (बात वैसे ठीक नहीं है ) तो बात ठीक थी , पर यहाँ दाल , शक्कर . लहसुन . प्याज , अब किन किन चीजो के नाम गिनाये जो महँगी हुई है , हम सब अची तरह वाकिफ है की अब महंगाई हर जगह अपना साम्राज्य फैला चुकी है |
कमरतोड़ महंगाई के चले माध्यम वर्गीय जहाँ परेशानी महसूस कर रहे है , और निचले हिस्से के लोग जो रोज काम पर जाकर अपना पेट पालते है वे उसी चीज को घर लेन में समर्थ है जो चीज जिस दिन सस्ती मिले | जो अक्सर ख़राब होने की कगार पे होती है या फिर जिन चीजों की डिमांड काम होती है | वैसे मेरी ही तहर आप भी महंगाई से काम या जादा परेशां हो रहे होंगे यो मेरी दरख्वास्त है की ५ जुलाई के भारत बंद में शामिल होकर अपना मत प्रदर्शित करे |
धन्यवाद् !