कब बंद होगी घर जमाई प्रथा

सोमवार, अगस्त 30, 2010 0 Comments A+ a-



पता नहीं किस शैतानी दिमाग की उपज होगी जिसने सोचा होगा की पति के घर जाने की बजे पति को ही अपने घर रहने के लिए बुला ले और वो पहला पति भी अजीएब होगा जो बिना भविष्य की चिंता किये बीवी के घर रहने चला गया होगा |कहावत है की
" बहन के घर भाई कुत्ता और बीवी के घर जमाई कुत्ता " मिथुन जी और वर्षा जी के अभिनय से सजी १९९२ में बनी फिल्म आपने शायद देखि ही होगी |

 अगर नहीं देखि तो आप ऑनलाइन भी देख सकते है यह रही लिंक [ घर जमाई ऑनलाइन ]
अब आप सोच रहे होंगे की अचानक मै इन जमाई जमात पे क्यों हावी हो गया भई अब बात ही ऐसी है की मै जिस कुल में पैदा हुवा हु उस कुल में घर जमाई प्रथा काफी अरसे से चली आ रही है हालाँकि अब  उस प्रथा की तीव्रता कुछ काम हुई है
पर कहते है की
'अगर एक आदमी गलत हो तो पूरी १ पुश्त ख़राब हो जाती है और अगर १ औरत  गलत हो तो आने वाली ७ पुश्तें ख़राब हो जाती है "
आप को अगर कोई अतिश्योक्ति लग रही है तो आप इस पर अपने विचार निसंकोच दे सकते है |
पता नहीं उस इन्सान की मानसिक हालत क्या होती होगी जब अपने घर को छोड़ कर बीवी के घर रहने जाता होगा |
वैसे इंटरनेट पे मैंने जहा तक खोज की है इस जमाई नाम के आश्चर्य का कोई पुर्वेतिहस नजर नहीं आ रहा और न ही कोई साबुत की ये प्रथा कहा से शुरू हुई  |
इस प्रथा के लागु होने से एक पुरुष ने न केवल अपना स्वाभाविक आक्रामक पौरुष खोया बल्कि स्त्री के उस रूप को भी विकसित कर दिया जिससे वो एक बिगडैल और विद्रोही होने के साथ ही निश्चिन्त होने के विकसित रूप को दुनिया ने देखा |
अब पता नहीं कितने जमाई राजा अपने जमाई धर्म का निर्वाह कर रहे है और कितनी पत्निया अपने पति राजा को यथोचित सम्मान दे रही है , मै जमाई संस्कृति के पूरी तरह खिलाफ हु चाहे वो मेरे जाती धर्म से जुडी हो या दुनिया के किसी  भी धर्म से सम्बंधित हो |
इस का मतलब मै स्त्री को हो घर छोड़ना चाहिए इस पक्ष में नहीं हु , बल्कि मै चाहता स्त्री अपने पति के साथ उसी हाल में रहना सिख ले जिससे पति का सम्मान बना रहे और स्त्री को अपने सहनशील होने और पति का हर हल में साथ देने की कला सिख ले जो दुनिया की लगभग सभी स्त्रिया करती है |