क्रिकेट पे गहराया फिक्सिंग और सटोरियों का साया

मंगलवार, अगस्त 31, 2010 2 Comments A+ a-

 फिक्सिंग के ताजातरीन घटनाक्रम में पाकिस्तानी टीम के चार खिलाडियों-मोहम्मद आमेर, मोहम्मद आसिफ, कामरान अकमल और कप्तान सलमान बट्ट का नाम सामने आ रहे है | और  कोर्ट ने वहा के पीसीबी और खेल मंत्री को समन्स जरी कर दिया है | और भी आगे सुना जा रहा है किसी पीसीबी बिना साबुत किसी भी खिलाडी पर कोई कार्यवाही नहीं करेगी बात तो वैसे कायदे बंद लगती है अब साबुत मिलने से पहले कोर्ट ने जायदाद जब्त करके राजद्रोह का इल्जाम बिना साबुत लगाया होगा क्या ?
इसी बिच जब वहा बढ़ से सारी पाक जनता बेहाल हो रही है तो हिन्दुस्थान उन्हें ढाई करोड़ की राशी मदद स्वरुप दे रहा है , वैसे ये राशी वाकई बढ़ पीड़ितों तक पहुंचेगी ? या फिर वाही होगा जो आज तक अमरीकी दान रूपी राशी के साथ हुवा ?
बड़े बुजुर्ग कहते है की " पढोगे लिखोगे बनोगे नवाब और खेलोगे कूदोगे बनोगे ख़राब " अब देखिये इसी बात का तजा उदाहरण पाक मैच फिक्सिंग  से सही साबित होती है |
खेल की दुनिया में काफी दिग्गजों ने खेल को ही नई प्रतिष्ठा बक्षी थी पर अब लगता है बड़े बूढों की बात सच साबित हो रही है पर वो सिर्फ फिक्सर और सटोरियों के लिए | 
वैसे अपने देश को आज तक फिक्सर और सटोरियों की बदौलत काफी फजीहत झेलनी पड़ी है | समाचार के मुताबिक  पिछले नो बोल मामले में भारतीय सटोरियों ने ऑस्ट्रोलियाई खिलादोयों से संपर्क साधा था | औक मैच फिक्स करने के लिए ५० पौंड का ऑफर भी विदेशी क्रिकेटर  को दिया  गया था, और जिसे यह ऑफर आई थी उसके मुताबिक मैच फिक्सिंग कोई नई बात नहीं है |
अब जहा क्रिकेट को सरे दुनया के फ़ैन न सिर्फ खेल बल्कि अपना जूनून मानते है उनकी हालत क्या हो रही होगी ?
क्रिकेट में गलत निर्णय देना , चीटिंग करना और गैर बर्ताव करने जैसी गंभीर चीजों को हलके में लेते आये है पर जब २०-२० आया और पैसो की बौछार हुई तो सारी दुनिया की आँखे फटी की फटी रह गई | मोदी साहब ने नया नजरिया और नई ऊंचाई क्रिकेट जगत को दी और साथ ही क्रिकेट प्रेमियों का ऐसा रोमांच दिया जिसे आज भी यद् करने भर से जोश आ जाता है |
फिर अम्पायेर के गलत निर्णय की चर्चा जोरो पर थी , और अब नो boll और अब सीधे मैच फिक्सिंग ...
वैसे सोचे तो बात बहोत काम समय में हुई है ऐसा प्रतीत होता है पर मेरे देखे " फिक्सिंग , गलत निर्णय , बदसलूकी और लापरवाही अब क्रिकेट के अंग बन चुके है जिन्हें क्रिकेट से दूर करना बेहद मुश्किल है |
ऐसे में में क्रिकेट प्रेमी होने के नाते अफ़सोस जताने के इलावा करे भी तो क्या करे ?
अब सारे क्रिकेट बोर्ड और सभी फ्रेंच्यैसी इस मामले में किसी समिति का गठन करने के इलावा करे भी तो क्या करे ?
वहा पीसीबी बिना साबुत किसी भी खिलाडी पर कोई भी कार्यवाही करने से साफ़ इंकार कर रहा है |
अब क्रिकेट की इतने बुरे दिन देख चुके है की अब सरे देश को आदत हो गई है इन सब बातों की जैसे कोई राजनैतिक "लोढ़ा" राज्य के साथ देश को भी चुना लगा कर गद्दार होने का साबुत पेश करता है और न्यूज चनेल्स पे हम देख कर पछताते है उसी तरह ये समाचार भी हजम कर लेंगे और पब्लिक एक बार वोट देने के बाद पञ्च साल तक कर क्या सकती है ?
धन्यवाद !